
घर में बैठे-बैठे एक बार मैं और मेरे पत्रकार भाई ने ऐसे ही विचार किया था कि क्यों ना एक ऐसा एनजीओ चलाया जाए, जो वास्तव में किसी बच्चे को मदद उपलब्ध करवा सके। हम लोग नहीं चाहते कि हम पहले ही वर्ष पचास बच्चों को मदद उपलब्ध करवा दें, लेकिन यदि हम दो बच्चों को भी सुचारू रूप से मदद दे सके, तो हमारा मकसद पूरा हो जाएगा। और ऐसा शुभ कार्य क्यों ना हमारी मम्मी के नाम से ही किया जाए। दो-तीन माह के विचार-विमर्श के बाद अब हम इस सेवा के लिए उतरने को तैयार हैं।
अभी तक हमारा यह अभियान मात्र राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले से शुरू किया गया है, जल्द ही हम आगे बढ़ेंगे, इसकी पूरी कोशिश रहेगी। आप सभी हमारे अभियान में सादर आमंत्रित हैं। यदि आप वाकई हमारे सहयोगी बनना चाहते हैं, तो कृपया meerango@yahoo.com पर अथवा 9460071187 पर संपर्क करें।
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